परिचय स्थापना एवं उद्देश्य

स्वाधीन भारत में भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रहित के चिंतन को अभिप्रेरित करने के उद्देश्य से विद्यालय की स्थापना जुलाई १९७७ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रोफ़ेसर राजेंद्र सिंह उपाख्य पूज्य रज्जु भैया की माँ ज्वाला देवी की स्मृति में महानगर के कुछ वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा की गई। अपने स्थापना काल से ही विद्यालय ने बहुआयामी प्रगति करते हुए महानगर के शिक्षा क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है।

विद्यालय की वर्तमान स्तिथि-

विद्यालय हिंदी माध्यम से प्रयाग महानगर में उत्कृष्ट शिक्षा संसथान के रूप में जाना जाता है । वर्तमान समय में ३१ शिक्षण कक्ष, १ प्रशाशनिक कक्ष, १ कार्यालय, १ आचार्य कक्ष, ४ प्रयोगशालाएं, २ विशाल सभागार, ७ अघतन कक्ष ( स्मार्ट क्लास ), १ ध्यान एवं योग कक्ष, संगणक कक्ष तथा १ पुस्तकालय, १ शारीरिक कक्ष, १ संगीत कक्ष, १ कला कक्ष, १ संस्कृत कक्ष है । विद्यालय में १९६५ छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे है । इनके सहयोग एवं उचित मार्गदर्शन हेतु ५० आचार्य बन्धु एवं २२ सेवा कार्य हेतु सहयोगी लगे हैं । विद्यालय में छात्रों के आने - जाने हेतु ९ बसें, २ रिक्शा ट्राली एवं १ ई-रिक्शा उपलब्ध है । परीक्षा की दृष्टि से विद्यालय माध्यमिक शिक्षा परिषद् द्वारा विगत ९ वर्षो से उत्कृष्ट ( ए ) श्रेणी द्वारा सम्मानित है । इलाहाबाद मंडल में परीक्षाफल की दृष्टि से विद्यालय प्रथम स्थान पर है । विभिन्न शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों में भी विद्यालय के छात्र अपनी श्रेष्ठता कायम किये हुए है । भविष्य में विद्यालय इसी प्रकार श्रेष्ठता को प्राप्त करे ऐसी विद्यालय परिवार की माँ सरस्वती को कामना है ।

विशिष्ट उपलब्धि -

८ अगस्त २०१० को देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र समूह हिन्दुस्तांन टाइम्स द्वारा देश भर में सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों के चुनाव हेतु सर्वेक्षण किया गया । जिसमे ज्वाला देवी को इलाहाबाद मंडल के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय की रोलिंग ट्राफी महामहिम राज्यपाल श्री बी.एल. जोशी जी की उपस्थिति में आई.आई.एम. लखनऊ के निदेशक श्री देवी सिंह द्वारा आचार्य श्री ओम प्रकाश मिश्रा जी को लखनऊ में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया ।

दोबारा मिली रोलिंग ट्राफी - ६ अगस्त २०११ को सर्वश्रेष्ठ विद्यालय के चुनाव हेतु हिंदुस्तान समाचार पत्र समूह द्वारा किये गए सर्वेक्षण में दोबारा ( वर्ष - २०११ ) के सर्वश्रेष्ठ यू.पी. बोर्ड स्कूल होने का गौरव पुनः ज्वाला देवी स.वि.म. को प्राप्त हुआ विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री प्रदीप त्रिपाठी एवं बौद्धिक प्रतियोगिता प्रमुख श्री ओम प्रकाश मिश्र ने एम.ऐन.ऐन.आई.टी. के निदेशक प्रो. पी. चक्रवर्ती के हाथों से दोबारा रोलिंग ट्राफी प्राप्त की।

राष्ट्रीय कीर्तिमान - भारत विकाश परिषद् द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली भारत जानो प्रश्न मंच प्रतियोगिता का ( लगातार ११ वर्षो से ) प्रांतीय विजेता होने का राष्ट्रिया कीर्तिमान प्रतियोगिता प्रमुख आचार्य ओम प्रकाश मिश्रा के नेतृत्व में बनाया गया तथा उन्हें पुलिस महानिदेशक उ.प्र. मा.लालजी शुक्ल (आई.पी.एस.) द्वारा सम्मानित किया गया।

योगेश सिंह को राष्ट्रपति से मिला बालश्री पुरस्कार - ३ फरवरी २०१६ को विद्यालय के पुराचात्र योगेश सिंह को वर्ष २०१३ का बालश्री पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकाश मंत्री मा.श्रीमति स्मृति ईरानी द्वारा प्रदान किया गया। यह पुरष्कार रचनात्मक लेखन विद्या में श्रेष्ठ कार्य करने हेतु दिया गया।

प्रखर जायसवाल ने प्राप्त किया बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वर्ष २०१५ के सर्वश्रेष्ठ छात्र का स्वर्ण पदक - २६ जनवरी २०१६ को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विद्यालय के पुराछात्र प्रखर जायसवाल को विश्वविद्यालय के २२ विभागों में से सर्वश्रेष्ठ छात्र का कुलपति सम्मान एवं स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

प्रथम विस्तार पटल -

माँ भागीरथी के सुरम्य तट पर स्थित, ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर, इ० का०, गंगापुरी, रसूलाबाद, जुलाई २००९ से सुयोग्य एवं अनुभवी आचार्यों के अथक परिश्रम से क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सफलता पूर्वक लगा हुआ है। वर्तमान समय में विद्यालय में ३० शिक्षण कक्ष, १ संगणक कक्ष, १ प्रशासनिक कक्ष, १ विशाल सभागार, १ कार्यालय, १ आचार्य कक्ष, ३ प्रयोगशाला एवं १ पुस्तकालय छात्र एवं छात्राओं की शैक्षिणक गतिविधियों हेतु उपलब्ध हैं। विद्यालय में सत्र २०१४-२०१५ में १३५० छात्र-छात्रायें शिक्षा प्राप्त कर रहें है। जिनके समुचित मार्ग दर्शन हेतु ३६ आचार्य बन्धु, ५ दीदियां ( अध्यापिकायें ) तथा सेवा कार्य हेतु ११ सहयोगी कार्यरत है। विद्यालय मे कक्षा शिशु से इंटर तक बालक-बालिकाओं की सहशिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध है। छात्रों के आवागमन की द्रिष्टी से ७ बसों का संचालन विद्यालय व्यवस्था द्वारा किया जाता है। भविष्य मे यह विद्यालय भी अपने मुख्य विद्यालय की भांति पुरे प्रयाग महानगर मे अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करते हुए यशस्वी हो, माँ सरस्वती से ऐसी आकाँक्षा हम करते हैं।

द्वितीय विस्तार पटल-

स्व० राजपति सिंह स्मारक सरस्वती शिशु मंदिर पसना, कोरांव एकल विद्यालय को ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के रूप मे द्वित्तीय विस्तार पटल का स्वरुप देते हुए क्षेत्र मे एक उच्चकोटि के शैक्षिक संस्थान के रूप मे विकसित करने की योजना साकार होनी प्रारम्भ हो गई है, इस क्रम मे विद्यालय भवन के निर्माण हेतु दिनांक ११ फरवरी २०१२ को भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हो चूका है। शीघ्र ही यह विद्यालय भी अपने पूर्ववर्ती विद्यालयों की भांति प्रतिष्ठा के शिखर पर अपनी कान्ति प्रस्फुटित करता हुआ दिखाई पड़ेगा।

तृत्तीय विस्तार पटल -

भारत वर्ष मे जब बालिकायें सब प्रकार से समर्थ होंगी तभी देश तेजस्वी, शक्तिशाली एवं वैभव संपन्न बनेगा। बालिका शिक्षा का विचार आदर्श भावी माता के निर्माण का विचार है ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज सिविल लाइंस ने बालिका शिक्षा को ध्यान मे रखते हुए प्रयाग महानगर मे चल रहे सरस्वती शिशु मंदिर सुभाष नगर ( मम्फोर्डगंज ) को अपने तृतीय विस्तार पटल के रूप मे लेकर बालिका इंटर कालेज चलाने योजना बनाई है। जिसका संचालन ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज सिविल लाइंस द्वारा हो रहा है। वर्तमान सत्र (२०१५-२०१६) मे कक्षा षष्ठ, सप्तम, अष्टम, व नवम मे शिक्षण कार्य चल रहा है। विद्यालय मे ३७० भैया/बहन शिक्षा प्राप्त कर रहे है जिनके समुचित मार्गदर्शन हेतु १४ दीदियां तथा सेवा कार्य हेतु ७ सहयोगी कार्यरत है। विशेष जानकारी हेतु विद्यालय मे संपर्क करें।

चतुर्थ विस्तार पटल-

वाराणसी में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार के सामने माँ भागीरथी के पवन तट पर स्थित लगभग ६५० वर्ग मीटर भूखंड पर निर्मित समस्त संसाधनों से युक्त सरस्वती शिशु मंदिर महेश नगर के नाम से शिशु से पंचम तक के नवीन विद्यालय का शुभारम्भ ज्वाला देवी के चतुर्थ विस्तार पटल के रूप में सत्र २०१४-२०१५ में हो चुकी है। जो शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सुरभि बिखरने में सफलता के साथ सक्रिय है।

पंचम विस्तार पटल -

प्रयाग से वाराणसी राजमार्ग पर काशी महानगर से लगभग १० कि० मी० पूर्व नगर से पश्चिम दिशा में राजा तालाब नमक स्थान पर ज्वाला देवी स०वि०म० इंटर कालेज प्रयाग के पंचम विस्तार पटल के रूप में लगभग ९ बीघा क्षेत्रफल का भूखंड क्रय करके प्रो० राजेंद्र सिंह (रज्जु भैया) सरस्वती विद्या मंदिर, जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् दिल्ली (सी०बी०एस०सी०बोर्ड) से सम्बद्ध आवासीय विद्यालय होगा की आधार शिला रखी जा चुकी है एवं जिसका भूमि पूजन दिनांक १६ जनवरी २०१६ को मा.अभय कुमार जी (प्रान्त प्रचारक काशी प्रान्त), मा.शिव कुमार जी, (राष्ट्रीय मंत्री विद्या भारती), मा.डोमेश्वर जी, (क्षेत्रीय संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश), मा.चिंतामणि सिंह (प्रदेश निरीक्षक भा.शि.स.पू.उ.प्र.) की प्रेरक उपस्थिति में पद्मश्री मा.ब्रम्हदेव शर्मा ''भाई जी''(राष्ट्रीय मार्ग दर्शक विद्या भारती अ०भा०शि०संस्थान) के कर कमलों द्वारा संपन्न किया गया। वर्तमान में विद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

षष्ठ विस्तार पटल -

ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर के षष्ठ विस्तार पटल निर्माण हेतु अझुआ के संत बाबा अंबरदास ने तीन बीघा जमीन दान स्वरुप प्रदान की है। जिसका भूमि पूजन एवं शिलान्यास हो चूका हैतथा विद्यालय भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

मान्यता :-

विद्यालय को माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ.प्र. द्वारा हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट (विज्ञान, वाणिज्य, एवं कम्प्यूटर वर्ग) संचालित करने की विशेष कोटि की मान्यता प्राप्त है। गर्व का विषय है की विद्यालय भारतीय संस्कारो और चरित्र को प्रधानता देने वाली विकासोन्मुखी शिक्षा देकर नयी पीढ़ी को देश का सुयोग्य नागरिक बनाने में अपना योगदान का रहा है।

हमारा लक्ष्य

इस प्रकार की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करना है, जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके, जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हो, शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौध्दिक एवं अत्याधमिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलता पूर्वक कर सके और उसका जीवन वनवासी, गिरि-कन्दराओं और झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन दुःखी, अभाव ग्रस्त अपने बान्धवों को सामाजिक कुरीतियों, शोषण एवं अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस सुसम्पन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो.